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आम्हा घरी धन शब्दांचीच रत्ने । शब्दांचीच शस्त्रे यत्न करू !
आम्हा घरी धन शब्दांचीच रत्ने । शब्दांचीच शस्त्रे यत्न करू !
मैंने अपने मुफलिसी का झूठा जिक्र उनसे क्या किया, उन्हें अपने ऐब ए बेवफाई का भी गुरुर हो गया ! 17-8-2025 Ganesh K Av…
Read moreतुम मेरे अफसानों में ही ठीक हो ! कलम से मेरी बेवफाई अब मुमकिन नही ! १४-८-२०२५ Ganesh K Avasthi Blog Admin
Read moreमेरे अफसानों के किरदार की तलाश न कर नादान ! तलाश मुझतक ही आकर रुकेगी ! फिर तू टूटेगा, बिखरेगा और एक नज्म बन जायेगा !…
Read moreहर नज्म उतारी नही जाती ! कुछ अफसानों को अश्कों के दरिया में डुबोकर पिया जाता है हर धडकन के साथ ! 14-7-2025 Ganesh …
Read moreमुझसे एहतराम की उम्मीद है अगर तो हटा तेरी रौनक ए शोहरत, दौलत, रूतबा और अदा ए हुस्न ! क्यों की यहाँ हिसाब तो सिर्फ…
Read moreअपने तजुर्बो पे इतना गुरूर न कीजिये साहब ! मौत से पहले मरने के तजुर्बे के सामने सारे तजुर्बे दो कौड़ी के होते है ! Date…
Read moreकोण म्हणतं महागाई वाढली आहे ? होर्डिंगखाली 17 व पोर्षे खाली 2 जीव दीड दमडी सारखे चिरडले गेले पाहिलं नाही का तुम्ही ?…
Read moreअपने तजुर्बो को इतनी अहेमियत न दिजीये साहब ! सच सच बताईये, क्या कल अहेमियत देकर सच माने हुवे तजुर्बे आज सच्चे है ? Ga…
Read moreनाचीज हसरतों को पाकर न जाने कितने ही बादशाहों की बादशाहत खांक हो गयी ! एक मालिक की हसरत पूरी कर एक फ़क़ीर पूरी कायनात पर…
Read moreअपने दिल के जख्मों को हर किसी के पास मत खोल के बेठा करो ! यहाँ लोगो की फितरते समंदर से ज्यादा नमकीन है ! दिनांक ११ म…
Read moreहर हमदर्द को अच्छे से परख लेना मेरे नादाँन दोस्त ! इस जहाँ के सौदागर बड़े बेइमांन है ! दिनांक ११ में २०२४ Ganesh K Ava…
Read moreथकून आलेल्या बापाच्या पाठीवर हट्टाने बसून कधी घोडा घोडा तर कधी साखरेच पोत खेळत, थकत, बापाच्याच कुशीत विसावत रम्य ते ब…
Read moreबूढ़े होते माँ-बाप को देखना बड़ा पीड़ादायक होता है ! बूढ़े होते माँ-बाप को देखना बड़ा पीड़ादायक होता है ! ग्रंथो में अनंत आ…
Read moreक्या में मानव हु ? क्या में मानव हु ? ये सवाल मेरे दिल - दिमाग को झंझोड़कर रख देता है ! मुझे नहीं दीखता कोई भी अंतर मु…
Read moreमेरे अफसानो से मेरी शख्सीयत पता कर लेने का दावा न कर मेरे नादाँन दोस्त ! बचपन से जिस आसमान को तू नीला समझ रहा है …
Read moreमत जलाओं चराग मेरे आँखों के सामने की मुझे घने अँधेरे से बेहद मोहब्बत है ! कंबखत ये उजाला दुनियाके फरेब - साजिशे झू…
Read moreअवघ्या ब्रम्हांडी जयाचा वास, त्याचाच लागलासी आता ध्यास ! न लागे चित्त आता ह्या मायेच्या खेळात, प्रत्येक श्वासात आत…
Read moreहिंदी कविता - शायरी लेखन कौन कहता है की गुलो की महक को चेहरा नहीं होता ? जाहिर है, आपके रूह को अबतक मोहब्बत से कि…
Read moreरिश्तो से मिलने वाली खुशिया ! रिश्तो से मिलने वाली खुशियों में हम प्रकृती के एक नियम को हमेशा भूल जाते है ! जिन रिश्तो…
Read moreमेरे दुःखभरे अफसाने ! किसी को मेरे अफसाने दुःखभरे होने से शिकायत है ! में दुःख के गैरमौजूदगी को सुख मानता ही नही ! अगर…
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