अपने दिल के जख्मों को हर किसी के पास मत खोल के बेठा करो !

अपने दिल के जख्मों को हर किसी के पास मत खोल के बेठा करो !

गणेश अवस्थी शायरी

 अपने दिल के जख्मों को हर किसी के पास मत खोल के बेठा करो !

यहाँ लोगो की फितरते समंदर से ज्यादा नमकीन है !


दिनांक 

११ मे २०२४ 

Ganesh Avasthi writings

Ganesh K Avasthi
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