तुम मेरे अफसानों में ही ठीक हो ! कलम से मेरी बेवफाई अब मुमकिन नही !

तुम मेरे अफसानों में ही ठीक हो ! कलम से मेरी बेवफाई अब मुमकिन नही !


गणेश अवस्थी शायरी

 तुम मेरे अफसानों में ही ठीक हो ! 
कलम से मेरी बेवफाई अब मुमकिन नही !

१४-८-२०२५ 

Ganesh K Avasthi
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