गुलो के महक का चेहरा !

गुलो के महक का चेहरा !

हिंदी कविता - शायरी लेखन 

गुल शायरी

 कौन कहता है की 
गुलो की महक को 
चेहरा नहीं होता ?

जाहिर है, आपके रूह को 
अबतक मोहब्बत से 
किसीने  छुवा नहीं है !

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