Nirbhid.com
आम्हा घरी धन शब्दांचीच रत्ने । शब्दांचीच शस्त्रे यत्न करू !
आम्हा घरी धन शब्दांचीच रत्ने । शब्दांचीच शस्त्रे यत्न करू !
मुझसे एहतराम की उम्मीद है अगर तो हटा तेरी रौनक ए शोहरत, दौलत, रूतबा और अदा ए हुस्न ! क्यों की यहाँ हिसाब तो सिर्फ…
Read moreअपने तजुर्बो पे इतना गुरूर न कीजिये साहब ! मौत से पहले मरने के तजुर्बे के सामने सारे तजुर्बे दो कौड़ी के होते है ! Date…
Read moreकोण म्हणतं महागाई वाढली आहे ? होर्डिंगखाली 17 व पोर्षे खाली 2 जीव दीड दमडी सारखे चिरडले गेले पाहिलं नाही का तुम्ही ?…
Read moreअपने तजुर्बो को इतनी अहेमियत न दिजीये साहब ! सच सच बताईये, क्या कल अहेमियत देकर सच माने हुवे तजुर्बे आज सच्चे है ? Ga…
Read moreनाचीज हसरतों को पाकर न जाने कितने ही बादशाहों की बादशाहत खांक हो गयी ! एक मालिक की हसरत पूरी कर एक फ़क़ीर पूरी कायनात पर…
Read more
Social Plugin