एक लंबे अरसे से रूठी हुवी कलम
फिर से खिल उठी है एक और अफसाना लिखने के लिए !
फिरसे बेफिक्र और बेपरवाह होकर महक उठी है नादाँन !
टूटकर - बिखरकर - रूठ जाने के लिए !
#Ganesh_Avasthi
#nirbhid
#सुकून
#गणेश_अवस्थी
0 Comments