मैंने देखा है जात - नस्ल - रंग - महलो के गुरूर को !

मैंने देखा है जात - नस्ल - रंग - महलो के गुरूर को !


जात का गुरुर शायरी

मैंने देखा है जात - नस्ल - रंग - महलो के गुरूर को 


 तवायफकी चौखट - वेश्या के बिस्तर - मरघट पे खाक होते हुवे ! 


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