वो गुल भी क्या कमाल किस्मत वाले है

वो गुल भी क्या कमाल किस्मत वाले है

 
माशूका शायरी

वो गुल भी क्या 
कमाल किस्मत वाले है, 
जो दिवानों ने सजाये थे 
माशुकाओं के बालो में !
उम्र से भले ही मुरझा गए है वो, 
लेकीन आज भी महेक रहे है
माशूकाओं के दिलों की 
धडकन बनकर !

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