अँधेरे से भय कैसा ? क्यों ?

अँधेरे से भय कैसा ? क्यों ?

 

अँधेरा शायरी



अँधेरे से भय कैसा ? क्यों ?


अँधेरा तो हर सृजनकी अनिवार्यता है !


फिर वह माँ की कोख हो,


या फिर किसी बिज से अंकुरित हुवे वृक्ष की यात्रा !


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