दो कौड़ी की लगती है मुझे अपनी दौलत

दो कौड़ी की लगती है मुझे अपनी दौलत

 
माँ शायरी

दो कौड़ी की लगती है मुझे


अपनी दौलत 


जब में आज भी छुपकेसे उठा लेता हु 


माँ ने रखे हुवे चंद सिक्के!

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